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Sunday 18 March 2018

ताजा दही की तुलना में क्यों खट्टा दही अधिक फायदेमंद है? (Why sour curd is more beneficial than fresh curd?)

ताजा दही की तुलना में क्यों खट्टा दही अधिक फायदेमंद है?

गर्मी के दिनों में दही का प्रयोग ज्यादा होता हे. वैसे भी हमारे देश में अन्य देशो के मुकाबले दही का उपयोग यह की जलवायु के लिहाज से सही हे. दही को तीन तरह से लेते, एक तजा दही, दूसरा खट्टा और तीसरा छाछ के रूप में. इसमें से खट्टा दही ज्यादा फायदेमंद माना जाता हे. जानिए ऐसा क्यों हे और इसके फायदे क्या हे - 
भारत में हर खाने के साथ दही क्यों खाने को दिया जाता है? अमेरिका और यूरोपीय लोग दही नहीं खाते, बल्कि चीज़ ज्यादा खाते हैं। इसका कारण यह है, वह भारतीय मौसम के अनुकूल है। दही में सबसे बड़ी बात लाइव कल्चर होता है।  दरअसल हमारे भोजन में हेल्दी बैक्टीरिया खत्म हो जाते हैं।  दूध भी पाश्चेराइज़ होने के कारण पेट में अच्छे बैक्टीरिया नहीं जा पाते हैं।
कोलोन में नीचे की ओर बैक्टीरिया की कॉलोनी होती है। इसलिए एंटीबायोटिक खाने से डायरिया हो जाता है।  यानि वह बैक्टीरिया खत्म कर देती है। यदि दही ठीक से नहीं जमा है, तो यह नहीं खाना चाहिए, क्योंकि यह त्वचा संबंधी नुकसान कर सकता है, दही हमारे शरीर को लाइव बैक्टीरिया देता है।  यह पाचन में बहुत अधिक मदद करता है, अन्यथा हमारे एंजाइम्स पूरा खाना नहीं पचा पाते है ।

दही 3 तरह से खा सकते हैं

1.  ताजा दही 
2. खट्टा दही और
3. छाछ

1. ताजा दही 

इसे वे भि खा सकते हैं जिन्हें श्वास की परेशानी है। यदि किसी को ठंड लगी है तो वह ताजा दहि खा सकता हैं। परंतु यह दही उतना क्षमतावान नहीं है जितना कि खट्टा  हैं क्योंकि इसमें बैक्टीरिया कम होते है ।

2.  खट्टा दही

इसके कई फायदे हैं।  यह शरीर में पाचन बढ़ाता है। यानि जठराग्नि बढ़ाता है।  इसे खाने से पाचन बहुत अच्छा हो जाता है।  जो लोग पाचन के रोगों से परेशान हैं, उन्हें खट्टा दही खाना चाहिए। यह शरीर में एनर्जी बूस्टर का काम करता है, साथ ही तनाव को भी खत्म करता है. यदि गला खराब है या सिर दर्द है तो इसे नहीं खाएं, क्योंकि यह पित्त और कफ दोनों में इजाफा करता है ।
 जो लोग कब्ज से या पाचन के रोगों से जूझ रहे हैं, उनके लिए यह अच्छा है लेकिन जिन्हें एसिड रिफ्लक्स की समस्या है, वे इसे नहीं खाएं ।
दक्षिण भारत में खट्टा दही का प्रयोग अधिक किया जाता है।  यह प्रोबायोटिक होने के कारण गर्मी के मौसम में लाभ करता है क्योंकि गर्मी में खाना जल्दी खराब हो जाता है। ऐसे में खट्टे दही से खराब खाने का प्रभाव नहीं होता है ।
चावल और दही , रसम और दही के काम्बिनेशन खाने से पेट में जलन नहीं होती है मसालों से होने वाली तकलीफों को खट्टा दही जज्ब कर लेता है।

खाना कैसे हे ?

खट्टे दही में मामूली शक्कर और जीरा मिला लेना चाहिए 

3. छाछ 

 यदि इसे खाने के पहले लिया जाए तो पाचक रसों को बढ़ाती है, भूख बढ़ाती हे। और यदि खाना खाने के बाद लिया जाए तो यह पाचन दुरुस्त करेगी। स्नैक्स की बजाय छाछ लेना ज्यादा अच्छा रहता है। दहीं से आपको फ़ुलनेस मिलेगी | दही और पानी का कॉम्बिनेशन पेट में एक अच्छा वातावरण बनाता है।  साथ ही इससे वजन भी कम किया जा सकता है ।